एक दिन पापा ने एक कविता याद करने के लिए कहा और वो स्कूल चले गए (मेरे पापा टीचर है )
मै सारा दिन कविता याद करता रहा सम तक पापा नही आये सायद किसी रिश्तेदार के यहाँ चले गए थे .देर रात जब वो लौटे तो मै सो गया था .खाना खाने के लिए पापा ने मुझे जगाया (क्यों की मै पापा के साथ ही खाना खाता था ) तो ,मै जागते ही कविता सुनाने लगा और कविता सुना के फिर सो गया ...ये देख के पापा ममी हंसने लगे फिर मुझे जगाया और मुझे बताया की तुम्हे कविता सुनाने के लिए नही जगाया बल्कि खाना खाने के लिए जगाया है .उस दिन के बाद पापा मुझे कुछ याद करने के लिए देते तो बड़े प्यार से बोलते ,ज्यादा दबाव नही देते.
बचपन में हम किसी बात से एक बार डर जाये तो उसका असर काफी दिनों तक रहता है इस लिए बछो के साथ प्यार से पेस आना चाहिए ........
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सर्वेश दुबे
Sarvesh ji aapki ye nasihat hum zarur yad rakhenge..
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